इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के प्रकार (TYPES OF EQUITY MUTUAL FUNDS):
अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें कितने प्रकार होते हैं और कौन-सा आपके लिए सही है। तो दोस्तो, इक्विटी फंड्स भी कई तरह के होते हैं।मुख्य रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को 2 केटेगरी में बाँट सकते (CATEGORY) है –
A.एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS)
B.पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS)

एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS):
सबसे पहले ये समझते हैं कि एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) असल में होते क्या हैं। जब आप किसी एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा एक फंड मैनेजर के हाथों में जाता है, जो रोज़ाना बाजार का विश्लेषण करता है, कंपनियों की स्थिति को परखता है और फिर सोच-समझकर निवेश का फैसला लेता है। यह एक इंसानी दिमाग द्वारा संचालित प्रक्रिया होती है, जहां मकसद सिर्फ पैसा लगाना नहीं बल्कि उसे सही समय पर सही जगह लगाकर अधिकतम लाभ कमाना होता है।
दोस्तो यही वो फर्क है जो एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) को पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS) से अलग बनाता है।पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS) में पैसा सिर्फ किसी इंडेक्स की नकल करते हुए लगाया जाता है, जबकि एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) में फंड मैनेजर बाज़ार की चाल को पढ़कर निर्णय लेता है।इसीलिए इन फंड्स एक्सपेंस रेश्यो(EXPENSE RATIO) भी पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS) की तुलना में ज्यादा होता है।
पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS)–
पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS) ऐसे फंड्स होते हैं जो किसी खास इंडेक्स(INDEX) को फॉलो करते हैं, जैसे कि Nifty 50 ,Sensex , Nifty Next 50 , Nifty Midcap 150 , Nifty Small Cap250। इसका मतलब ये हुआ कि ये फंड्स उसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों में उसी अनुपात में निवेश करते हैं, जैसे वो इंडेक्स करता है।
यहाँ फंड मैनेजर(FUND MANAGER) को अलग से रिसर्च करने या बार-बार फैसले बदलने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि इनका मकसद होता है उस इंडेक्स की परफॉर्मेंस को कॉपी करना, ना कि उसे हराना।इन फंड्स का एक्सपेंस रेश्यो(EXPENSE RATIO) भी एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) की तुलना में कम होता है।
इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा एक स्थिर और ट्रैक किए गए रास्ते पर बढ़े, तो पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।
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सब केटेगरी(SUB CATEGORY) :
एक्टिव फंड्स(ACTIVE FUNDS) और पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) दोनों को ही हम लार्ज कैप फंड्स (LARGE CAP FUNDS), मिड कैप फंड्स (MID CAP FUNDS), स्माल कैप फंड्स (SMALL CAP FUNDS) और मल्टी कैप फंड्स (MULTI CAP FUNDS) सब केटेगरी(SUB CATEGORY) में बांटा जा सकता है । लार्ज कैप फंड्स में देश की बड़ी और भरोसेमंद कंपनियों में निवेश किया जाता है जो थोड़े स्थिर होते हैं। वहीं मिड और स्मॉल कैप फंड्स में उन कंपनियों में निवेश होता है जो तेजी से बढ़ रही होती हैं और जिनमें ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है लेकिन थोड़ा अधिक जोखिम भी होता है। मल्टी कैप फंड्स एक संतुलन बनाते हैं और वे लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप इन सभी कैटेगरी की कंपनियों में निवेश करते हैं
गोल्डन रूल फॉर म्यूच्यूअल फंड्स – ” STAY INVESTED FOR LONG TERM“
दोस्तो, म्यूचुअल फंड्स उन लोगों के लिए होते हैं जो थोड़ी बहुत जोखिम उठाने को तैयार हैं और साथ ही लंबी अवधि (LONG TERM) में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। अगर आप युवा हैं, आपके पास निवेश के लिए समय है और आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर निवेश कर सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक दमदार विकल्प बन सकता है।एक बात का हमेशा ध्यान रखे, म्यूचुअल फंड में निवेश का गोल्डन रूल(GOLDEN RULE) है कि स्टे इनवेस्टेड फॉर लॉन्ग टर्म (STAY INVESTED FOR LONG TERM) । यानि आप जितने लम्बे समय तक म्यूच्यूअल फंड्स को होल्ड करेंगे,आपके फायदा होने का उम्मीद उतनी ही ज्यादा होती है।बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
उदहारण के तौर पे आप निफ्टी और सेंसेक्स का 5,10,15 या 20 साल के चार्ट को देखेंगे तो पाएंगे की ये ऊपर ही गया है यानि भले ही समय-समय पर शेयर मार्किट में गिरावट जरुर आती है लेकिन लम्बे अवधी में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
SIP से करें आसान शुरुआत – छोटी रकम से बड़ा भविष्य:
अगर आप सोच रहे हैं कि ज्यादा पैसा लगाना होगा तो दोस्तो बिल्कुल नहीं। आप सिर्फ ₹500 या ₹1000 महीने से SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए शुरुआत कर सकते हैं।SIP का फायदा यह है कि यह आपके पैसे को समय के साथ-साथ बढ़ाता है और आपको कंपाउंडिंग का कमाल देखने को मिलता है। दोस्तो, छोटी शुरुआत ही बड़े बदलाव की शुरुआत होती है।
जोखिम(RISK):
अगर आप यह सोच रहे है कि लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स(LARGE CAP MUTUAL FUNDS), मिड कैप म्यूचुअल फंड्स(MID CAP MUTUAL FUND) और स्माल कैप म्यूचुअल फंड्स(SMALL CAP MUTUAL FUND) में कौन सा ज्यादा जोखिम वाला है तो यह बता दे कि स्माल कैप वाला ज्यादा जोखिम भरा है| फिर आते है मिड कैप म्यूचुअल फंड्स और इन तीनो में सबसे सेफ होते है लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स।लेंकिन यह भी याद रखे की ज्यादा जोखिम है तो मुनाफा(RETURN) भी ज्यादा है। बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
जरुरी सुचना
Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता बल्कि सिर्फ जानकारी देता है।कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है।