पैसिव या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स |PASSIVE OR INDEX MUTUAL FUNDS

Rate this post
Join our channel

पैसिव म्यूच्यूअल फंड्स(PASSIVE MUTUAL FUNDS) या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स (INDEX MUTUAL FUNDS) ऐसे फंड्स होते हैं जो किसी खास इंडेक्स(INDEX) को फॉलो करते हैं, जैसे कि Nifty 50 ,Sensex , Nifty Next 50 , Nifty Midcap 150 , Nifty Small Cap250,Nifty 500 etc.। इसका मतलब ये हुआ कि ये फंड्स उसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों में उसी अनुपात में निवेश करते हैं, जैसे वो इंडेक्स करता है।

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

यहाँ फंड मैनेजर(FUND MANAGER) को अलग से रिसर्च करने या बार-बार फैसले बदलने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि इनका मकसद होता है उस इंडेक्स की परफॉर्मेंस को कॉपी करना, ना कि उसे हराना।इन फंड्स का एक्सपेंस रेश्यो(EXPENSE RATIO) भी एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) की तुलना में कम होता है।

इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा एक स्थिर और ट्रैक किए गए रास्ते पर बढ़े, तो पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।

एक्सपेंस रेश्यो (EXPENSE RATIO):

दोस्तों , पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) की एक बड़ी खासियत ये होती है कि इनका खर्च बहुत कम होता है। क्योंकि यहाँ फंड मैनेजर(FUND MANAGER) को ज़्यादा रिसर्च या ट्रेडिंग नहीं करनी पड़ती, इसलिए इनका एक्सपेंस रेश्यो(EXPENSE RATIO) भी एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) की तुलना में कम होता है। भी काफी कम होता है।

मतलब ये कि आपकी जेब पर कम बोझ पड़ता है और आपके रिटर्न का एक बड़ा हिस्सा आपके पास ही रहता है।

दूसरी सबसे अहम बात यह है कि पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) में ह्यूमन एरर(HUMAN ERROR) की संभावना बेहद कम होती है, क्योंकि यहाँ किसी की पर्सनल जजमेंट (PERSONAL JUDGEMENT) नहीं चलती, सिर्फ इंडेक्स(INDEX) को फॉलो(FOLLOW) किया जाता है।

तो दोस्तों , अगर आप बाजार में उतार-चढ़ाव से परेशान रहते हैं और चाहते हैं कि निवेश एक सीधी और साफ-सुथरी लाइन पर चले, तो पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) आपके लिए एक सुकून देने वाला अनुभव हो सकते हैं।

PASSIVE OR INDEX MUTUAL FUNDS: चुने सही विकल्प, निवेश होगा साकार

किनके लिए हैं पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS)?

दोस्तों ,पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) खासकर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हैं जो निवेश की दुनिया में नए हैं या जो बहुत ज़्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते।

अगर आपके पास इतना समय नहीं है कि आप रोज़-रोज़ मार्केट को ट्रैक करें या हर सेक्टर की रिपोर्ट पढ़ें, तो पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) एक आदर्श विकल्प हैं।

ये फंड्स आपको मार्केट की ग्रोथ का हिस्सा बनने का मौका देते हैं, बिना किसी जटिलता या उलझन के। और यही बात दोस्तों इन्हें औरों से अलग और खास बनाती है।

यह भी पढ़े :

म्यूचुअल फंड्स के प्रकार| TYPES OF MUTUAL FUNDS

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स |EQUITY MUTUAL FUNDS

एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स | ACTIVE MUTUAL FUNDS

क्या पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) में रिटर्न कम होता है?

दोस्तों , बहुत से लोग सोचते हैं कि क्योंकि पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) सिर्फ इंडेक्स को फॉलो करते हैं, इसलिए इसमें ज्यादा मुनाफा नहीं होता।

लेकिन सच्चाई ये है कि कई बार एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS)भी उस इंडेक्स को हराने में नाकाम रहते हैं, और तब पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) एक मजबूत विकल्प बनकर सामने आते हैं।

यहाँ आपकी ग्रोथ स्थिर होती है, रिस्क कम होता है और लम्बे समय में ये फंड्स अच्छा रिटर्न भी दे सकते हैं, खासकर जब आप SIP के ज़रिए निवेश करते हैं।

गोल्डन रूल फॉर म्यूच्यूअल फंड्स – ” STAY INVESTED FOR LONG TERM

दोस्तो, म्यूचुअल फंड्स उन लोगों के लिए होते हैं जो थोड़ी बहुत जोखिम उठाने को तैयार हैं और साथ ही लंबी अवधि (LONG TERM) में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। अगर आप युवा हैं, आपके पास निवेश के लिए समय है और आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर निवेश कर सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक दमदार विकल्प बन सकता है।एक बात का हमेशा ध्यान रखे, म्यूचुअल फंड में निवेश का गोल्डन रूल(GOLDEN RULE) है कि स्टे इनवेस्टेड फॉर लॉन्ग टर्म (STAY INVESTED FOR LONG TERM) । यानि आप जितने लम्बे समय तक म्यूच्यूअल फंड्स को होल्ड करेंगे,आपके फायदा होने का उम्मीद उतनी ही ज्यादा होती है।बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।

उदहारण के तौर पे आप निफ्टी और सेंसेक्स का 5,10,15 या 20 साल के चार्ट को देखेंगे तो पाएंगे की ये ऊपर ही गया है यानि भले ही समय-समय पर शेयर मार्किट में गिरावट जरुर आती है लेकिन लम्बे अवधी में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।

जोखिम(RISK):

अगर आप यह सोच रहे है कि लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स(LARGE CAP MUTUAL FUNDS), मिड कैप म्यूचुअल फंड्स(MID CAP MUTUAL FUND) और स्माल कैप म्यूचुअल फंड्स(SMALL CAP MUTUAL FUND) में कौन सा ज्यादा जोखिम वाला है तो यह बता दे कि स्माल कैप वाला ज्यादा जोखिम भरा है| फिर आते है मिड कैप म्यूचुअल फंड्स और इन तीनो में सबसे सेफ होते है लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स(LARGE CAP MUTUAL FUNDS)।लेंकिन यह भी याद रखे की ज्यादा जोखिम है तो मुनाफा(RETURN) भी ज्यादा है। बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।

निष्कर्ष(CONCLUSION):

तो दोस्तों , पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) उन लोगों के लिए हैं जो निवेश में जटिलता नहीं, बल्कि स्पष्टता चाहते हैं। जहाँ किसी एक्सपर्ट की गलती का डर न हो, जहाँ कम खर्च में बेहतर मुनाफा हो और जहाँ आप मार्केट की पूरी ग्रोथ का हिस्सा बन सकें।

अगर आप भी चाहते हैं एक ऐसी निवेश यात्रा जो स्थिर, सरल और भरोसेमंद हो, तो पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) को अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में ज़रूर शामिल कीजिए।

दोस्तों , निवेश कोई दौड़ नहीं है, यह एक यात्रा है और पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) इस यात्रा को आरामदायक और सफल बना सकते हैं।

अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिए, ताकि वो भी इस शांत लेकिन असरदार निवेश की राह पर कदम बढ़ा सकें।

जरुरी सुचना

Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता बल्कि सिर्फ जानकारी देता है।कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment