क्या होते हैं एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS)?
सबसे पहले ये समझते हैं कि एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) असल में होते क्या हैं। जब आप किसी एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा एक फंड मैनेजर के हाथों में जाता है, जो रोज़ाना बाजार का विश्लेषण करता है, कंपनियों की स्थिति को परखता है और फिर सोच-समझकर निवेश का फैसला लेता है। यह एक इंसानी दिमाग द्वारा संचालित प्रक्रिया होती है, जहां मकसद सिर्फ पैसा लगाना नहीं बल्कि उसे सही समय पर सही जगह लगाकर अधिकतम लाभ कमाना होता है।
दोस्तों ,एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जहाँ फंड मैनेजर(FUND MANAGER) लगातार मार्केट पर नजर रखते हैं, रिसर्च करते हैं, और यह तय करते हैं कि किस कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करना है और कब किसी स्टॉक को बेच देना है। मतलब ये हुआ कि आपके पैसे के पीछे एक अनुभवी दिमाग होता है जो हर स्थिति में आपके निवेश को बढ़ाने की कोशिश करता है।
जब हम पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) की बात करते हैं तो वहाँ बस एक इंडेक्स को फॉलो किया जाता है, लेकिन एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) में फैसले लिए जाते हैं, रणनीतियाँ बनाई जाती हैं और समय के साथ बदलाव किए जाते हैं। यही वजह है कि दोस्तों, बहुत से निवेशक एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) को पसंद करते हैं, खासकर वो जो मार्केट की चाल को समझने और समय के साथ फैसले बदलने में विश्वास रखते हैं।
दोस्तो यही वो फर्क है जो एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) को पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) से अलग बनाता है। पैसिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS) में पैसा सिर्फ किसी इंडेक्स की नकल करते हुए लगाया जाता है, जबकि एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) में फंड मैनेजर बाज़ार की चाल को पढ़कर निर्णय लेता है।इसीलिए इन फंड्स एक्सपेंस रेश्यो(EXPENSE RATIO) भी सिव फंड्स(PASSIVE FUNDS) या इंडेक्स फंड्स (INDEX FUNDS)) की तुलना में ज्यादा होता है।

क्यों चुनें एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS):
दोस्तों,एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) इसलिए खास माने जाते हैं क्योंकि यहाँ आपको वो एक्सपर्ट गाइडेंस मिलती है जो मार्केट में आपके पैसे को संभाल सकती है। अगर किसी सेक्टर में गिरावट आ रही है, तो फंड मैनेजर वहाँ से पैसा निकालकर किसी बेहतर परफॉर्म करने वाले सेक्टर में लगा सकते हैं।
यानि आपका निवेश स्थिर नहीं बल्कि स्मार्टली मूव करता है, ठीक वैसे ही जैसे एक चालाक खिलाड़ी शतरंज की बिसात पर अपने मोहरे चलाता है। यही एक्टिव मैनेजमेंट की ताकत होती है।
फंड मैनेजर(FUND MANAGER):
दोस्तों , किसी भी एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) की जान होता है उसका फंड मैनेजर(FUND MANAGER)। ये वो अनुभवी पेशेवर होते हैं जो आर्थिक रिपोर्ट्स, कंपनियों के वित्तीय नतीजों, बाजार की चाल और ग्लोबल इवेंट्स पर गहरी नजर रखते हैं। वो हर दिन नई रणनीति बनाते हैं ताकि आपके पैसे से सबसे अच्छा किया जा सके।
सोचिए दोस्तों , जब आपके पैसे के लिए कोई इतना मेहनत कर रहा हो, तो उसका असर आपके निवेश पर ज़रूर दिखेगा।
सब केटेगरी(SUB CATEGORY) :
एक्टिव फंड्स(ACTIVE FUNDS) को हम लार्ज कैप फंड्स (LARGE CAP FUNDS), मिड कैप फंड्स (MID CAP FUNDS), स्माल कैप फंड्स (SMALL CAP FUNDS) और मल्टी कैप फंड्स (MULTI CAP FUNDS) सब केटेगरी(SUB CATEGORY) में बांटा जा सकता है । लार्ज कैप फंड्स में देश की बड़ी और भरोसेमंद कंपनियों में निवेश किया जाता है जो थोड़े स्थिर होते हैं। वहीं मिड और स्मॉल कैप फंड्स में उन कंपनियों में निवेश होता है जो तेजी से बढ़ रही होती हैं और जिनमें ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है लेकिन थोड़ा अधिक जोखिम भी होता है। मल्टी कैप फंड्स एक संतुलन बनाते हैं और वे लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप इन सभी कैटेगरी की कंपनियों में निवेश करते हैं।
गोल्डन रूल फॉर म्यूच्यूअल फंड्स – ” STAY INVESTED FOR LONG TERM“
दोस्तो, म्यूचुअल फंड्स उन लोगों के लिए होते हैं जो थोड़ी बहुत जोखिम उठाने को तैयार हैं और साथ ही लंबी अवधि (LONG TERM) में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। अगर आप युवा हैं, आपके पास निवेश के लिए समय है और आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर निवेश कर सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक दमदार विकल्प बन सकता है।एक बात का हमेशा ध्यान रखे, म्यूचुअल फंड में निवेश का गोल्डन रूल(GOLDEN RULE) है कि स्टे इनवेस्टेड फॉर लॉन्ग टर्म (STAY INVESTED FOR LONG TERM) । यानि आप जितने लम्बे समय तक म्यूच्यूअल फंड्स को होल्ड करेंगे,आपके फायदा होने का उम्मीद उतनी ही ज्यादा होती है।बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
उदहारण के तौर पे आप निफ्टी और सेंसेक्स का 5,10,15 या 20 साल के चार्ट को देखेंगे तो पाएंगे की ये ऊपर ही गया है यानि भले ही समय-समय पर शेयर मार्किट में गिरावट जरुर आती है लेकिन लम्बे अवधी में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
SIP से करें आसान शुरुआत – छोटी रकम से बड़ा भविष्य:
अगर आप सोच रहे हैं कि ज्यादा पैसा लगाना होगा तो दोस्तो बिल्कुल नहीं। आप सिर्फ ₹500 या ₹1000 महीने से SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए शुरुआत कर सकते हैं।SIP का फायदा यह है कि यह आपके पैसे को समय के साथ-साथ बढ़ाता है और आपको कंपाउंडिंग का कमाल देखने को मिलता है। दोस्तो, छोटी शुरुआत ही बड़े बदलाव की शुरुआत होती है।
जोखिम(RISK):
हर निवेश के साथ थोड़ा बहुत जोखिम तो होता ही है और एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) भी इससे अछूते नहीं हैं। लेकिन फर्क ये है कि यहाँ जोखिम को मैनेज करने के लिए एक रणनीतिक टीम होती है।
हां, कभी-कभी गलत निर्णय भी हो सकते हैं क्योंकि ये पूरी तरह से फंड मैनेजर के फैसलों पर निर्भर होता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर अगर सही निर्णय हुआ तो पैसिव फंड्स (PASSIVE FUNDS),डेब्ट फंड्स(DEBT FUNDS) और हाइब्रिड फंड्स(HYBRID FUNDS) के मुकाबले कहीं बेहतर रिटर्न भी देखने को मिल सकता है।
अगर आप यह सोच रहे है कि लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स(LARGE CAP MUTUAL FUNDS), मिड कैप म्यूचुअल फंड्स(MID CAP MUTUAL FUND) और स्माल कैप म्यूचुअल फंड्स(SMALL CAP MUTUAL FUND) में कौन सा ज्यादा जोखिम वाला है तो यह बता दे कि स्माल कैप वाला ज्यादा जोखिम भरा है| फिर आते है मिड कैप म्यूचुअल फंड्स और इन तीनो में सबसे सेफ होते है लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स(LARGE CAP MUTUAL FUNDS)।लेंकिन यह भी याद रखे की ज्यादा जोखिम है तो मुनाफा(RETURN) भी ज्यादा है। बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
एक्सपेंस रेश्यो (EXPENSE RATIO):
दोस्तों , क्योंकि इसमें फंड मैनेजर लगातार एक्टिव रहते हैं और रिसर्च टीम का भी खर्च जुड़ा होता है, इसलिए इसकी फीस थोड़ी ज़्यादा होती है, जिसे हम एक्सपेंस रेश्यो (EXPENSE RATIO) कहते हैं।
लेकिन अगर ये फंड बेहतर रिटर्न दे पाए, तो ये खर्च एक तरह का इन्वेस्टमेंट ही बन जाता है। इसलिए एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) में निवेश करते समय सिर्फ फीस नहीं, बल्कि संभावित मुनाफे को भी ज़रूर देखिए।
यह भी पढ़े:
म्यूचुअल फंड्स के प्रकार| TYPES OF MUTUAL FUNDS
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स |EQUITY MUTUAL FUNDS
पैसिव या इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड्स |PASSIVE OR INDEX MUTUAL FUNDS
निष्कर्ष(CONCLUSION):
तो दोस्तों , अगर आप चाहते हैं कि आपके पैसे के साथ कोई अनुभवी हाथ हो जो उसके हर कदम पर ध्यान दे, समय के साथ फैसले ले और मार्केट की चाल को समझते हुए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट करे, तो एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) आपके लिए एक दमदार विकल्प हैं।
आज के समय में जब मार्केट तेजी से बदल रहा है, तब किसी ऐसे गाइड की जरूरत होती है जो आपको दिशा दिखा सके। और एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) यही काम करते हैं।
तो अब देर किस बात की दोस्तों , अपने फाइनेंशियल प्लान में एक्टिव म्यूच्यूअल फंड्स(ACTIVE MUTUAL FUNDS) को शामिल कीजिए और उस रास्ते पर चलिए जहाँ आपका पैसा, आपके सपनों की तरह आगे बढ़े।
अगर आपको ये जानकारी उपयोगी लगी हो तो दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिए, ताकि उनके सपने भी निवेश के सहारे उड़ान भर सकें।
जरुरी सुचना
Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता बल्कि सिर्फ जानकारी देता है।कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है।