तो कैसे हो दोस्तो, आज हम बात करने जा रहे हैं उस कंपनी की जिसने एक समय पर भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति में बड़ा योगदान दिया था, लेकिन फिर ऐसे दौर से गुज़री कि निवेशकों का भरोसा डगमगा गया। जी हां दोस्तो, हम बात कर रहे हैं Suzlon Energy की। इस कंपनी का नाम सुनते ही पुराने निवेशकों को अच्छे और बुरे दोनों दिनों की यादें ताज़ा हो जाती हैं।
दोस्तो, Suzlon Energy एक ऐसा नाम है जिसने भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। कभी यह कंपनी ₹400 के पार ट्रेड होती थी और निवेशकों के पोर्टफोलियो की शान हुआ करती थी। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि यह शेयर ₹5 तक गिर गया? और अब जब यह फिर से चुपचाप उठ रहा है, तो क्या यह दोबारा मल्टीबैगर बनने की राह पर है?
चलिए दोस्तो, आज हम आपको बताएंगे Suzlon Energy के शेयर बाजार में अब तक के पूरे सफर के बारे में, ताकि आप समझ सकें कि यह कंपनी कितनी उतार-चढ़ाव से गुज़री है और आगे इसके क्या संकेत हैं।

Suzlon Energy का सुनहरा दौर
दोस्तो, साल 2007-08 में जब भारतीय शेयर बाजार बुल रन में था, Suzlon Energy का शेयर करीब ₹450 तक पहुंच गया था। उस वक्त नवीकरणीय ऊर्जा का बूम शुरू हो चुका था और कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण करके अपनी पहुंच को काफी बढ़ा लिया था। यह वो समय था जब हर निवेशक इसे अपनी होल्डिंग में रखना चाहता था।
लेकिन दोस्तो, इसके बाद आया ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस और फिर शुरू हुआ Suzlon के पतन का दौर। अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहणों पर लिया गया भारी कर्ज, टेक्निकल फेल्योर और प्रोजेक्ट्स में डिले ने कंपनी को बुरी तरह प्रभावित किया। 2013 तक आते-आते Suzlon का शेयर ₹5 के नीचे गिर चुका था। दोस्तो सोचिए, जिसने ₹400 पर खरीदा हो, उसका हाल क्या हुआ होगा।
धीमी रफ्तार से शुरू हुआ रिकवरी का सफर
दोस्तो, Suzlon ने हार नहीं मानी। कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी बैलेंस शीट साफ की, गैर-प्रमुख संपत्तियों को बेचा और रीस्ट्रक्चरिंग की दिशा में कदम उठाया। हालांकि, 2018 तक आते-आते एक बार फिर कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ने लगा और शेयर ₹3 से ₹2 के बीच घूमता रहा। कई निवेशकों ने इसे डेड स्टॉक समझकर बेच दिया।
लेकिन दोस्तो, असली बदलाव आया कोविड के बाद, जब भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा पर ज़ोर देना शुरू किया और ग्रीन एनर्जी मिशन के तहत बड़ी योजनाएं घोषित की गईं। Suzlon को फिर से टेंडर मिलने लगे और कंपनी ने नए-नए प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया।
2022 से शुरू हुई नई उड़ान
तो दोस्तो, अब बात करते हैं Suzlon Energy के हाल के प्रदर्शन की, जो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। 2022 के बाद से Suzlon ने अपनी कर्जदारी में बड़ी कमी की है और नई तकनीक से लैस विंड टर्बाइनों की सप्लाई शुरू की है। कंपनी के फाइनेंशियल्स में भी सुधार देखा गया है।
शेयर ने ₹5 से चढ़कर ₹45 का स्तर छू लिया, यानि 800% से ज्यादा का रिटर्न दो साल में दे दिया। दोस्तो, सोचिए अगर आपने इस दौर में भरोसा रखा होता तो क्या मुनाफा होता!
बाजार की नजर में Suzlon अब कैसा है?
दोस्तो, मौजूदा समय में Suzlon को एक मजबूत टर्नअराउंड स्टोरी माना जा रहा है। कंपनी ने 2023 में 402 मेगावाट के नए प्रोजेक्ट्स की डील हासिल की, नए मॉडलों की टेस्टिंग भी पूरी कर ली और विदेशी निवेशकों का भरोसा भी जीत लिया है। अब जबकि ESG और ग्रीन इनिशिएटिव्स पर दुनिया भर में फोकस है, Suzlon के लिए ये सबसे बड़ा अवसर हो सकता है।
शेयर बाजार में Suzlon Energy का प्रदर्शन
दोस्तो, Suzlon Energy के शेयरों में हाल ही में तेजी देखी गई है। 27 मई, 2025 को कंपनी के शेयरों में लगभग की वृद्धि हुई, जिससे शेयर की कीमत ₹65.39 तक पहुंच गई। इस महीने में अब तक शेयर में लगभग 14% की वृद्धि हुई है, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
Suzlon Energy के Q4 FY25 नतीजों की तैयारी
दोस्तो, Suzlon Energy ने घोषणा की है कि वह 29 मई, 2025 को अपने चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष 2024-25 के नतीजे घोषित करेगी। इससे पहले, कंपनी के शेयरों में तेजी देखी गई है, जिससे निवेशकों में उत्साह है। कंपनी ने अपने Q3 FY25 में ₹388 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया था। अपनी चौथी तिमाही के भी प्रदर्शन को लेकर बाज़ार में सकारात्मक माहौल है।
निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
तो दोस्तो, अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और ग्रोथ स्टोरी में भरोसा रखते हैं, तो Suzlon Energy एक बार फिर से आपके रडार पर होना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे, स्मॉल कैप स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है इसलिए रिसर्च और धैर्य बहुत जरूरी है।
क्या है 2030 का Target
अगर कंपनी आने वाले वर्षों में भी इसी तरह प्रॉफिटेबिलिटी और ऑर्डर बुक को सुधारती रही, तो 2030 तक यह फिर से ₹100 से ₹150 के बीच ट्रेड करती नजर आ सकती है। और दोस्तो, अगर भारत का ग्रीन एनर्जी मिशन सफल रहा तो Suzlon जैसे प्लेयर्स को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
निष्कर्ष
तो दोस्तो, Suzlon Energy की कहानी सिर्फ एक शेयर की नहीं, बल्कि एक ऐसे विज़न की कहानी है जो बार-बार गिरकर भी उठता है। ये हमें सिखाता है कि अगर कंपनी में सुधार की इच्छा हो और समय के साथ चलने की ताकत हो, तो हर गिरावट एक नई उड़ान की शुरुआत बन सकती है।
अगर आपको भी Suzlon की ये जर्नी पसंद आई हो, तो दोस्तो इसे शेयर ज़रूर करें और हमें बताएं कि क्या आप भी इस ग्रीन एनर्जी क्रांति का हिस्सा बनना चाहते हैं?