तो कैसे हो दोस्तों, आज हम आपको एक ऐसी खबर से रूबरू करवा रहे हैं जिसने आम आदमी के जीवन से लेकर बड़े व्यापार घरानों और अर्थव्यवस्था के हर पटल को झकझोर कर रख दिया है। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ 6 जून 2025 को आरबीआई Monetary Policy Committee (MPC) की उस ज़बरदस्त घोषणा की जिसने देश की आर्थिक दिशा को फिर एक बार मोड़ दिया है।
दोस्तों, आज RBI ने अपने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बड़ी कटौती की है और इसे घटाकर 5.50 % पर लाया है । इस कदम के साथ CRR भी 100 बेसिस पॉइंट तक घटाकर 3 % कर दी गई है।
दोस्तों, यह तीसरा लगातार रेट कट है इस वर्ष, और यह COVID‑19 के वक्त 75 बीपी की कटौती के बाद सबसे तेज़ और सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
आखिर क्या बयान आया RBI की तरफ से

“इसके साथ ही Credit Reserve Ratio (CRR) में भी 100 आधार अंकों की कटौती की गई है, जिससे बैंकिंग व्यवस्था में तरलता बढ़ेगी।”
साथ ही यह भी घोषणा हुई:
“आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है, जिससे देश की आर्थिक मजबूती पर भरोसा झलकता है। वहीं महंगाई के दबाव में नरमी को देखते हुए Inflation का अनुमान भी घटा दिया गया है।”
“MPC ने अपनी नीतिगत रुख को ‘उदार (Accommodative)’ से बदलकर ‘तटस्थ (Neutral)’ कर दिया है, जो आने वाले समय में एक संतुलित दृष्टिकोण की ओर इशारा करता है।”
घोषणा के अहम बिंदु
- रेपो रेट में 0.50% की कटौती, अब यह 5.50% हो गया
- सीआरआर में 1% की कटौती, अब यह 3% रह गया
- नीतिगत रुख को उदारीवादी से तटस्थ किया गया
- आर्थिक वृद्धि दर (GDP) का अनुमान 6.5% पर स्थिर
- महंगाई का अनुमान घटाया गया, कीमतों में नरमी के संकेत
क्यों बढ़ी है उम्मीदें, और कहाँ सावधानी?
दोस्तों, RBI ने अपनी नीति ‘Accommodative’ से ‘Neutral’ की तरफ शिफ्ट कर दी है। इसका मतलब है कि अब आगे कोई तेजी से बदलाव देखने को मिल सकता है पर यह निर्णय आगे के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।
दरअसल, अप्रैल माह की खुदरा महंगाई दर लगभग 3.16 % पर आकर छः वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई थी, जो RBI के 4 % के लक्षित सीमा के अंदर है। इस नरमी ने ही MPC को इतना बड़ा कदम उठाने की गुंजाइश दी।

बैंकों और आम जनता पर फैसले का असर
दोस्तों, जैसे ही रेपो रेट में इतनी बड़ी कटौती हुई, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बचत खाते (Savings) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती करने लगे हैं।
लेकिन दूसरी ओर, गृह ऋण (home loans), कार लोन, और व्यक्तिगत उधार (EMIs) के लिए यह बेहद अच्छी खबर है क्योंकि अब कर्ज पर ब्याज की बोझ बहुत कुछ कम होगी।
व्यवसाय ख़ुश, निवेशकों में उत्साह
Automobile जैसे स्कीम वाले सेक्टर में खासा उत्साह दिखा है। SIAM अध्यक्ष ने भी कहा कि यह रेट कट ऑटो सेक्टर के लिए बहुत ही सकारात्मक संकेत है क्योंकि फाइनेंसिंग सस्ती होगी और ग्राहकों को ढेरों लुभावने ऑफर मिलेंगे।
बाजार ने भी इस निर्णय का स्वागत किया—Nifty और Sensex में फोन निवेशकों ने शुरुआती गिरावट को भुला कर तेजी में बदल दिया।
RBI के बड़े संकेत: विकास-स्थिरता साथ-साथ
RBI ने अपनी GDP ग्रोथ प्रोजेक्शन को 6.5 % तक बरकरार रखा है, लेकिन साथ ही FY26 के लिए अनुमानित CPI इन्फ्लेशन को 3.7 % तक नीचे लाया है।
इसका मतलब है कि कीमतों पर नियंत्रण के बीच सरकारी कोशिश है कि आर्थिक विकास को गति मिले। वहीं MPC की नीति अब आगामी आंकड़ों पर निर्भर करेगी—आगे कितना बढ़ना है यह डेटा बताएगा।
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निष्कर्ष: क्या कहता है यह फ्यूचर?
तो दोस्तों, यह बड़ा कदम देने-लेने की नीति और आर्थिक स्थिरता का एक अनूठा संतुलन है। यह कदम आम घरों को राहत देगा, विकासशील सेक्टर्स को गति प्रदान करेगा, लेकिन साथ ही FD जैसे पारंपरिक निवेशकों को थोड़ी सी परेशानी हो सकती है।
अब अगला सवाल है—क्या आरबीआई आगे फिर से रेट कट करेगा या यही स्टेंस रहेगा? मेरे ख्याल से अब RBI का फैसला पूरी तरह से आने वाले आर्थिक आँकड़ों, वैश्विक माहौल और घरेलू मांग पर निर्भर करेगा।
दोस्तों, उम्मीद तो यही है कि यह निर्णय देश की आर्थिक गति को नई ऊँचाइयों पर ले जाए। अब आपका क्या कहना है—क्या आप घर का कर्ज कम होने पर खुश हैं या FD रिटर्न कम होने पर थोड़ी चिंता हो रही है? अपने दिल की बातें हमें जरूर बताइए, दोस्तों। हम आपकी हर अंशदारी की कद्र करते हैं। हमारे चैनल से जुड़े रहे।
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