तो कैसे हो दोस्तों? आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे बड़े सौदे की जिसने शेयर बाजार में कई निवेशकों को चौंका दिया है। हम बात कर रहे हैं Kaynes Technology India Limited के प्रमोटर और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री रमेश कुन्हिकन्नन द्वारा की गई हिस्सेदारी बिक्री की। ऐसे में निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया गया और इससे कंपनी और शेयर पर क्या असर पड़ेगा। आइए विस्तार से समझते हैं पूरी कहानी।
प्रमोटर ने बेची हिस्सेदारी
दोस्तों, 5 जून 2025 को रमेश कुन्हिकन्नन ने NSE और BSE के जरिए कंपनी के 11.25 लाख शेयर बाजार में बेच दिए। इनमें से 6.25 लाख शेयर NSE पर और बाकी 5 लाख BSE पर बेचे गए। शेयर की कीमत 5,550 रुपये के आसपास रही और इस सौदे की कुल वैल्यू लगभग 624.58 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
इस डील के बाद रमेश कुन्हिकन्नन की Kaynes Technology में हिस्सेदारी 57.71% से घटकर 55.91% रह गई है। यानी अब भी वह कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक हैं, लेकिन बाजार में इतनी बड़ी हिस्सेदारी की बिक्री का असर तो होना ही था।

बाजार की प्रतिक्रिया
दोस्तों, जैसे ही यह खबर सामने आई, Kaynes Technology के शेयरों में हल्की गिरावट देखने को मिली। BSE पर शेयर 0.97% गिरकर 5730.05 रुपये पर बंद हुआ जबकि NSE पर यह 0.86% गिरकर 5738.50 रुपये पर आ गया। हालांकि बड़ी गिरावट नहीं आई, लेकिन यह संकेत जरूर मिला कि बाजार में बेचैनी है।
कई निवेशकों ने यह सवाल उठाया कि जब कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो प्रमोटर को हिस्सेदारी बेचने की क्या जरूरत थी? क्या वे किसी बड़ी रणनीति की तैयारी में हैं या सिर्फ व्यक्तिगत कारणों से यह फैसला लिया गया है? इन सवालों के जवाब अभी सामने नहीं आए हैं।
कंपनी की स्थिति
दोस्तों, Kaynes Technology कोई छोटी कंपनी नहीं है। यह एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) कंपनी है जो डिफेंस, ऑटोमोबाइल, इंडस्ट्रियल और मेडिकल सेक्टर के लिए तकनीकी समाधान देती है।
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा। राजस्व में 50% से ज्यादा की बढ़त हुई और नेट प्रॉफिट भी 81 करोड़ से बढ़कर 116.2 करोड़ रुपये पहुंच गया।
इसके अलावा, कंपनी के पास इस समय लगभग 6,597 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक है। ROE यानी रिटर्न ऑन इक्विटी 19.4% है और कंपनी पर कर्ज भी बहुत कम है। इन सब बातों से ये तो साफ है कि Kaynes Technology की मूलभूत स्थिति मजबूत बनी हुई है।
निवेशकों को सलाह
अब बात करते हैं दोस्तों की सबसे अहम बात पर — कि आखिर हमें इस खबर से घबराना चाहिए या नहीं? देखिए, प्रमोटर की हिस्सेदारी में थोड़ी सी कटौती अपने आप में घबराने वाली बात नहीं होती, खासकर तब जब कंपनी का फंडामेंटल मजबूत हो और विकास की संभावनाएं बनी हुई हों।
हो सकता है कि प्रमोटर ने यह बिक्री व्यक्तिगत कारणों से की हो या कंपनी में कोई रणनीतिक परिवर्तन की तैयारी हो। जब तक कंपनी की नीतियों में कोई नकारात्मक बदलाव नहीं होता, तब तक घबराने की जरूरत नहीं है।
लेकिन दोस्तों, सतर्कता जरूरी है। ऐसे समय में हमें कंपनी की आने वाली तिमाही रिपोर्ट्स, मैनेजमेंट कमेंट्री और ऑर्डर बुक की प्रगति पर नज़र रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, Kaynes Technology की हिस्सेदारी बिक्री एक अहम घटना जरूर है, लेकिन कंपनी की मौजूदा स्थिति मजबूत है। निवेश करने से पहले हमेशा दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं और जल्दबाज़ी में कोई फैसला न लें।
अगर आप पहले से निवेशक हैं, तो घबराने की नहीं, सोच-समझकर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने की जरूरत है। और अगर आप इसमें निवेश करने का सोच रहे हैं, तो अगली कमाई रिपोर्ट और कंपनी की रणनीति को ध्यान से समझें।
तो दोस्तों, आप क्या सोचते हैं इस डील के बारे में? क्या आप Kaynes Technology में निवेश को लेकर पॉजिटिव हैं या आपको इससे डर लग रहा है? अपने विचार जरूर साझा करें — हमें आपके अनुभवों और सवालों का इंतजार रहेगा।
जरुरी सुचना
Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता, कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें, शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है