Retirment Plan: बस 10 साल में बनाएं रिटायरमेंट का फुलप्रूफ प्लान! जानिए कैसे करें सही एसेट एलोकेशन, जिससे उम्रभर ना हो पैसों की टेंशन

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Retirment Plan: तो कैसे हो दोस्तो,आज का ये आर्टिकल हर उस शख्स के लिए है जो या तो रिटायरमेंट के करीब है या फिर 60 की उम्र पार कर चुका है और सोच रहा है कि अब अपनी मेहनत की कमाई को कैसे निवेश किया जाए ताकि जीवन का अगला चरण बेफिक्र और सुकून भरा हो। दोस्तो, इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इक्विटी, डेट, गोल्ड और रियल एस्टेट जैसे एसेट क्लास में सही ढंग से निवेश करके ना सिर्फ अपनी पूंजी को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि आने वाले सालों में उसका भरपूर फायदा भी उठा सकते हैं।

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एसेट एलोकेशन क्या होता है और क्यों है इतना जरूरी?

दोस्तो, एसेट एलोकेशन का मतलब होता है अपनी कुल संपत्ति को अलग-अलग इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स में बांटना — जैसे कि इक्विटी, डेट (FD, PPF), गोल्ड और रियल एस्टेट। ये इसलिए जरूरी होता है क्योंकि हर एसेट क्लास का रिस्क और रिटर्न अलग होता है। अगर आप सारी पूंजी एक ही जगह लगा देते हो, तो बाजार में गिरावट आने पर आपका पूरा पोर्टफोलियो खतरे में पड़ सकता है। लेकिन अगर आप इसे सही से विभाजित करते हो, तो एक एसेट गिरने पर दूसरा उसे बैलेंस कर लेता है।

0 की उम्र में कैसा हो एसेट एलोकेशन?

दोस्तो, अगर आप 50 साल के हो चुके हो, तो अब वक्त आ गया है कि आप अपनी वेल्थ बिल्डिंग और वेल्थ प्रिजर्विंग स्ट्रैटजी पर फोकस करो। प्रतिभा जी के मुताबिक, 50 की उम्र में आपका फोकस होना चाहिए कि आप कम से कम 60-65% पैसा वेल्थ बिल्डिंग एसेट्स, यानी इक्विटी फंड्स में लगाएं। इसका कारण है कि अभी भी आपकी लाइफ लंबी है, और आपको महंगाई को मात देनी है।

बाकी बचा हुआ 35-40% आप वेल्थ प्रिजर्विंग एसेट्स में लगाएं जैसे कि डेट फंड्स, गोल्ड और कुछ हद तक रियल एस्टेट। गोल्ड को एक हेज की तरह देखा जा सकता है जबकि रियल एस्टेट में लंबी अवधि का फायदा तभी है जब बाजार सही दिशा में हो।

60 की उम्र और रिटायरमेंट के बाद कैसा हो निवेश?

अब बात करते हैं उन दोस्तो की जो 60 साल की उम्र में रिटायर हो चुके हैं और अब उनके पास 50 लाख रुपये का फंड है, लेकिन अगले 10-15 साल तक इस पैसे की उन्हें जरूरत नहीं है। ऐसे केस में दोस्तो, सबसे पहले ये देखना जरूरी है कि आपका मासिक खर्च पहले से पेंशन या अन्य स्रोतों से कवर हो रहा है या नहीं।

अगर हां, तो फिर इस पूरे फंड को तीन हिस्सों में बांटना चाहिए:

पहले 3 साल के लिए जो भी खर्च की जरूरत हो सकती है, वो पैसा डेफेंसिव (वेल्थ प्रिजर्विंग) एसेट्स जैसे कि एफडी, लिक्विड फंड्स, शॉर्ट टर्म डेट फंड्स में रखें।

4 से 6 साल के बीच के खर्च के लिए हाइब्रिड फंड्स चुनें, जिसमें थोड़ा इक्विटी और थोड़ा डेट का मिक्स हो।

7वें साल के बाद का पैसा आप आराम से इक्विटी (वेल्थ बिल्डिंग) फंड्स में रख सकते हो क्योंकि लंबे समय में यही असली रिटर्न देगा।

कौन से फंड्स हो सकते हैं बेस्ट ऑप्शन?

प्रतिभा जी के सुझाव के अनुसार, अगर मैं 60 साल की उम्र में निवेश करना चाहूं तो मैं ये फंड्स चुन सकती हूं:

PPFAS Flexi Cap Fund – सभी भारतीय निवेशकों के पोर्टफोलियो में होना चाहिए
Invesco Contra Fund – कंसिस्टेंट परफॉर्मर
Axis Multi Cap Fund – विविध पोर्टफोलियो के लिए बेहतरीन
Nippon Small Cap Fund – थोड़ी रिस्क लेकिन दमदार रिटर्न की संभावना
ICICI Prudential Balanced Advantage Fund – बैलेंस और स्थिरता के लिए
WhiteOak Multi Asset Fund – सभी एसेट्स में संतुलित निवेश

इन सभी में आप अपने रिस्क प्रोफाइल के हिसाब से निवेश कर सकते हो।

जरुरी सुचना

Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता, कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें, शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है

निष्कर्ष: रिटायरमेंट प्लानिंग का गोल्डन फॉर्मूला

तो दोस्तो, चाहे आपकी उम्र 50 हो या 60, सबसे जरूरी बात है कि आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को गंभीरता से लें। वेल्थ प्रिजर्व और वेल्थ बिल्ड, दोनों के बीच सही बैलेंस बनाना ही आपको जीवन भर आर्थिक स्वतंत्रता देगा।

हमेशा ध्यान रखें — महंगाई कभी रिटायर नहीं होती, इसलिए आपको भी अपने पैसों को रिटायर नहीं होने देना है। अगर आपको ये आर्टिकल मददगार लगा हो दोस्तो, तो ज़रूर शेयर कीजिए ताकि और लोगों को भी अपने पैसे को सही जगह लगाने की समझ मिल सके।

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