Invest or Cash:60 हजार करोड़ कैश का रहस्य: इन्वेस्ट करो या कैश पर बैठो? जानिए सच्चाई जो आपके फैसले बदल देगी!

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“हम करें तो अत्याचार? म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के कैश कॉल पर उठा बड़ा सवाल, जानिए निवेशकों को क्या सीख मिलती है”

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Invest or Cash: तो कैसे हो दोस्तो, आज बात करने जा रहे हैं एक ऐसे विषय की जिसे सुनकर आप भी सोच में पड़ जाओगे। दोस्तो, हम सबने कहीं न कहीं ये लाइन जरूर सुनी है — “आप करें तो प्यार, हम करें तो अत्याचार!” और ठीक यही बात निवेश की दुनिया में भी देखने को मिल रही है। SIP करो, लॉन्ग टर्म सोचो, मार्केट डाउन हो तो भी निवेश जारी रखो — यही सलाह हर रिटेल निवेशक को दी जाती है। लेकिन सवाल तब उठता है जब खुद म्यूचुअल फंड मैनेजर्स भारी मात्रा में कैश पर बैठे नजर आते हैं।

जी हां दोस्तो, एलारा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त देश की कुछ बड़ी म्यूचुअल फंड स्कीमें लगभग ₹5842 करोड़ रुपये कैश में बैठी हैं। सबसे आगे हैं पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड, जिनके पास अकेले ₹2236 करोड़ कैश है। साथ ही SBI कॉन्ट्रा, HDFC फ्लेक्सी कैप, मोतीलाल ओसवाल मिड कैप और HDFC मिड कैप अपॉर्चुनिटीज फंड भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

दोस्तो, सवाल तो बनता है — नियम सिर्फ रिटेल के लिए?

एक रिटेल निवेशक को हर जगह यही कहा जाता है कि मार्केट चाहे ऊपर हो या नीचे, निवेश जारी रखो। लेकिन जब फंड मैनेजर खुद हाई वैल्यूएशन का हवाला देकर पैसा इन्वेस्ट नहीं कर रहे हैं, तो क्या ये दोहरी नीति नहीं है? दोस्तो, बेंगलुरु में हुई पराग पारिख यूनिट होल्डर मीटिंग में ये सवाल सीधा उठाया गया — जब हमें हर हाल में SIP जारी रखने की सलाह दी जाती है, तो फंड मैनेजर्स क्यों रुकते हैं?

इसका जवाब खुद पराग पारिख म्यूचुअल फंड के CIO राजीव ठक्कर सर ने बहुत ही शानदार तरीके से दिया, जो हर निवेशक को समझना चाहिए।

इक्विटी में निवेश का मतलब क्या है दोस्तो?

राजीव ठक्कर सर ने कहा, दोस्तो, इक्विटी में निवेश मतलब सिर्फ शेयर खरीदना नहीं, बल्कि किसी बिजनेस में हिस्सेदारी लेना होता है। जब आप TCS का शेयर खरीदते हो, तो आप टाटा ग्रुप के IT बिजनेस में पार्टनर बनते हो। और जब SBI के शेयर लेते हो, तो आप भारत सरकार के बैंकिंग बिजनेस के साथी बनते हो।

अब बिजनेस हमेशा एक जैसा नहीं चलता, दोस्तो। कभी वो बहुत महंगे वैल्यूएशन पर पहुंच जाता है, तो कभी कोई और प्लेयर उसी सेक्टर में बड़ा निवेश कर रहा होता है। ऐसे समय में फंड मैनेजर को कैश में रहकर इंतजार करना पड़ता है कि कब अच्छा मौका मिलेगा।

रिटेल और फंड मैनेजर में फर्क क्यों है दोस्तो?

दोस्तो, ये फर्क इसलिए है क्योंकि फंड मैनेजर का काम सिर्फ निवेश करना नहीं, बल्कि रिस्क को भी मैनेज करना है। उनके पास एनालिस्ट्स की टीम होती है, रिसर्च होता है, और हर समय बाजार पर नजर रहती है। वहीं रिटेल निवेशक को ये सब करना मुश्किल होता है। इसीलिए रिटेल इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे अच्छा तरीका है — SIP करते रहो, समय दो, और इमोशंस से दूर रहो

दोस्तो, अगर आप स्टॉक्स में खुद निवेश कर रहे हो…

तो राजीव ठक्कर सर की एक और बात बहुत काम की है — खुद स्टॉक्स में निवेश कर रहे हो तो समय-समय पर अपनी होल्डिंग्स की समीक्षा करो। कोई स्टॉक अगर बहुत ज्यादा महंगा हो गया है, या उस बिजनेस में भविष्य की दिक्कतें नजर आ रही हैं, तो रिव्यू जरूरी है। वॉरेन बफेट भी यही कहते हैं — जब सब लालची हों, तब डरो, और जब सब डरे हों, तब लालची बनो।

म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हो? तो ये बातें याद रखो दोस्तो

राजीव ठक्कर और वॉरेन बफेट जैसे दिग्गजों की सलाह से ये साफ होता है कि अगर आप SIP कर रहे हो, तो कैश कॉल्स या वैल्यूएशन को लेकर डरना नहीं चाहिए। SIP अपने आप एवरेज करता है। आपको बस नियमित निवेश करना है, इमोशनल फैसले नहीं लेने हैं, और अपने लक्ष्य पर नजर रखनी है

फंड मैनेजर के फैसले उनकी स्ट्रैटजी के हिसाब से होते हैं, आपके नहीं। तो दोस्तो, म्यूचुअल फंड अगर कैश पर बैठे हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि आपको SIP रोक देनी चाहिए। आपको तो अपने गोल, समय और अनुशासन पर ध्यान देना चाहिए।

निष्कर्ष: हर निवेशक को चाहिए अपनी सोच

तो दोस्तो, अगर आप सच में अमीर बनने का सपना देख रहे हो, तो आपको किसी और के फैसलों को देखकर अपना रास्ता नहीं बदलना चाहिए। चाहे मार्केट ऊपर जाए या नीचे, SIP करते रहना ही समझदारी है। और अगर आप खुद स्टॉक्स चुन रहे हो, तो फिर आपको भी फंड मैनेजर जैसी समझदारी से फैसले लेने होंगे।

याद रखो दोस्तो, निवेश कोई शॉर्टकट नहीं है, ये एक लाइफटाइम सफर है। धैर्य, अनुशासन और सही जानकारी के साथ ही आप उस मंज़िल तक पहुंच सकते हो।

तो अगली बार जब कोई कहे “हम करें तो अत्याचार”, तो बस मुस्कुरा कर कहो — हम समझदारी से निवेश करते हैं।

जरुरी सुचना

Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता, कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें, शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है

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