तो कैसे हो दोस्तो! आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे निवेश विकल्प की जो उन लोगों के लिए है जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, लेकिन फिर भी चाहते हैं कि उनका पैसा सिर्फ बैंक में सोने की बजाय कहीं काम में लगे और बेहतर रिटर्न दे। जी हां दोस्तो, आज हम आपको बताएंगे डेब्ट म्यूचुअल फंड्स (DEBT MUTUAL FUND) के बारे में – एक ऐसा विकल्प जो आपके पैसों को सुरक्षित रखते हुए धीरे-धीरे बढ़ाता भी है।
डेब्ट म्यूचुअल फंड्स (DEBT MUTUAL FUND) क्या होते हैं?
दोस्तो, जब हम निवेश की बात करते हैं तो अक्सर हमारे दिमाग में इक्विटी (EQUITY) यानी शेयर बाजार (SHARE MARKET) का नाम आता है, लेकिन हर किसी की जोखिम सहने की क्षमता एक जैसी नहीं होती। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो थोड़े स्थिर और सुरक्षित (SAFE) रिटर्न की तलाश में रहते हैं। ऐसे में दोस्तो, डेब्ट म्यूचुअल फंड्स (DEBT MUTUAL FUND) उनके लिए एकदम सही साबित हो सकते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये डेब्ट फंड आखिर होते क्या हैं। तो दोस्तो, डेब्ट म्यूचुअल फंड्स ऐसे फंड्स होते हैं जो आपका पैसा सरकार या बड़ी कंपनियों के बॉन्ड्स (CORPORATE BONDS), डिबेंचर (DEBENTURE), ट्रेजरी बिल्स (TREASURY BILLS),कमर्शियल पेपर्रस(COMMERCIAL PAPERS) और दूसरे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स (FIXED INSTRUMENT INCOMES) एवं मनी मार्किट इंस्ट्रूमेंट(MONEY MARKET INSTRUMENT) में निवेश (INVEST) करते हैं। इनका मकसद होता है कि आपको एक नियमित (FIX)और स्थिर रिटर्न (STABLE RETURN) मिले, बिना ज्यादा जोखिम उठाए।
सुरक्षित निवेश (SAFE INVESTMENT):
दोस्तो, अगर आप नौकरीपेशा हैं (SALARIED), रिटायर्ड (RETIRED) हैं, या फिर आप ऐसे निवेशक (INVESTOR) हैं जो बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं चाहते तो ये फंड्स आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें न शेयर बाजार की टेंशन और न ही अचानक गिरावट का डर। आप बस आराम से बैठकर देख सकते हैं कि आपका पैसा धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इन फंड्स की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि इनमें लिक्विडिटी यानी पैसा निकालने की सुविधा भी काफी आसान होती है। दोस्तो, मान लीजिए आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई तो आप डेब्ट फंड से अपने पैसे जल्दी निकाल सकते हैं, और ये भी बिना ज्यादा नुकसान के। इसलिए इसे इमरजेंसी फंड(EMERGENCY FUND) की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
दोस्तो, बहुत सारे डेब्ट फंड्स होते हैं जैसे लिक्विड फंड्स (LIQUID FUNDS), शॉर्ट टर्म फंड्स(SHORT TERM FUNDS) , कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स (CORPORATE BOND FUNDS) और गिल्ट फंड्स (GULT FUNDS)। हर फंड की अपनी अलग रणनीति और उद्देश्य होता है। लिक्विड फंड्स बहुत कम समय के लिए होते हैं और इनमें जोखिम भी बेहद कम होता है। वहीं अगर आप थोड़ा लंबी अवधि का सोच रहे हैं तो शॉर्ट टर्म और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
अब दोस्तो, एक बात आपको ज़रूर ध्यान में रखनी चाहिए कि भले ही डेब्ट फंड्स को हम सुरक्षित मानते हैं, लेकिन फिर भी इनमें थोड़ा-बहुत जोखिम होता ही है। खासकर तब जब ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होता है या किसी कंपनी के बॉन्ड्स डिफॉल्ट कर जाते हैं। लेकिन ये जोखिम इक्विटी फंड्स के मुकाबले काफी कम होते हैं।

गोल्डन रूल फॉर म्यूच्यूअल फंड्स – ” STAY INVESTED FOR LONG TERM“
दोस्तो, म्यूचुअल फंड्स उन लोगों के लिए होते हैं जो थोड़ी बहुत जोखिम उठाने को तैयार हैं और साथ ही लंबी अवधि (LONG TERM) में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। अगर आप युवा हैं, आपके पास निवेश के लिए समय है और आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर निवेश कर सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक दमदार विकल्प बन सकता है।एक बात का हमेशा ध्यान रखे, म्यूचुअल फंड में निवेश का गोल्डन रूल(GOLDEN RULE) है कि स्टे इनवेस्टेड फॉर लॉन्ग टर्म (STAY INVESTED FOR LONG TERM) । यानि आप जितने लम्बे समय तक म्यूच्यूअल फंड्स को होल्ड करेंगे,आपके फायदा होने का उम्मीद उतनी ही ज्यादा होती है।बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
उदहारण के तौर पे आप निफ्टी और सेंसेक्स का 5,10,15 या 20 साल के चार्ट को देखेंगे तो पाएंगे की ये ऊपर ही गया है यानि भले ही समय-समय पर शेयर मार्किट में गिरावट जरुर आती है लेकिन लम्बे अवधी में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
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SIP से करें आसान शुरुआत – छोटी रकम से बड़ा भविष्य:
अगर आप सोच रहे हैं कि ज्यादा पैसा लगाना होगा तो दोस्तो बिल्कुल नहीं। आप सिर्फ ₹500 या ₹1000 महीने से SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए शुरुआत कर सकते हैं।SIP का फायदा यह है कि यह आपके पैसे को समय के साथ-साथ बढ़ाता है और आपको कंपाउंडिंग का कमाल देखने को मिलता है। दोस्तो, छोटी शुरुआत ही बड़े बदलाव की शुरुआत होती है।
जोखिम(RISK):
अगर आप यह सोच रहे है कि लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स(LARGE CAP MUTUAL FUNDS), मिड कैप म्यूचुअल फंड्स(MID CAP MUTUAL FUND) और स्माल कैप म्यूचुअल फंड्स(SMALL CAP MUTUAL FUND) में कौन सा ज्यादा जोखिम वाला है तो यह बता दे कि स्माल कैप वाला ज्यादा जोखिम भरा है| फिर आते है मिड कैप म्यूचुअल फंड्स और इन तीनो में सबसे सेफ होते है लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड्स ।लेंकिन यह भी याद रखे की ज्यादा जोखिम है तो मुनाफा(RETURN) भी ज्यादा है। बस आपको लम्बे समय तक इनवेस्टेड(INVESTED) रहना है क्योकि लम्बे समय में शेयर मार्केट ऊपर ही जाता है।
निष्कर्ष(CONCLUSION):
सबसे बड़ी बात दोस्तो, अगर आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को संतुलित बनाना चाहते हैं तो डेब्ट म्यूचुअल फंड्स एक मजबूत स्तंभ की तरह काम करते हैं। ये ना सिर्फ बाजार के झटकों से आपको बचाते हैं बल्कि आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता भी देते हैं।
तो दोस्तो, अगर आप भी ऐसे निवेश की तलाश में हैं जो आपके पैसे को सुरक्षा भी दे और रिटर्न भी दे, तो डेब्ट म्यूचुअल फंड्स आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। आज ही अपने फाइनेंशियल एडवाइज़र से बात करिए, रिसर्च करिए और सही डेब्ट फंड चुनकर निवेश की शुरुआत कीजिए।
जरुरी सुचना
Moneycrypton.in वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता बल्कि सिर्फ जानकारी देता है।कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है।
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मिलते हैं दोस्तो, अगली बार एक और काम की जानकारी के साथ। तब तक निवेश करते रहिए, सहेजते रहिए और अपने सपनों को धीरे-धीरे साकार होते देखिए!